तुम कठिन अभ्यास करते हो, हम गर्व कर लेते हैं तुम सरहदों की रक्षा करते हो, हम गर्व कर लेते हैं हर त्यौहार, घर-परिवार भूल कर, तुम प्रतिपल संघर्ष करते हो, हम गर्व कर लेते हैं कब किस गोली पर लिखा हो नाम तुम्हारा , तुम बिन परवाह किए, धुप, बारिश, तूफान में माँ भारत का सजदा करते हो, हम गर्व कर लेते हैं शहादत पर तुम्हारी हम परवाह करें ना करें, पर हम गर्व कर लेते हैं संतुष्ट कर लेते हैं हम खुद को, जो दोगुने सैनिक दुश्मन के मारे जाए शर्मिंदा हैं हम, कैसे जीवन की कीमत तुम्हारी कम कर देते हैं कुछ और शायद कर नहीं सकते, इसलिए हम गर्व कर लेते हैं!